वृद्धावस्था में सबसे बड़ी समस्या समय व्यतीत करना होती है। जिसके निदान हेतु एक विशाल समुह उपलब्ध कर वैचारिक आदान प्रदान करवाना।
वृद्धजनों को सम्मान से जीवन जीने का अवसर दिलाकर यथासम्भव सेवा व सम्मान प्रदान कर पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराना।
वर्तमान में ऊँ शान्ति सेवा संस्थान वृद्धाश्रम ‘‘आश्रय’’ मंगरोप रोड़, हरणी महादेव भीलवाड़ा पर संचालित हो रहा है, जिसमें अभी 20-22 वृद्धजन रह रहे है। जिनको सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं निःषुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। करीब 170-180 वृद्धजन यहां पर रह कर चले गये है एवं वे अपने बच्चों के साथ सम्मानीय जीवन व्यतीत कर रहे है। महिलाओं/पुरूषों एवं दम्पती के लिए अलग-अलग आवास व्यवस्था है।
* वृद्धजनों के मनोबल को सर्वोच्च ऊचाँई तक बनायें रखना।
* दानदाताओं द्वारा प्राप्त सहयोग का सम्पूर्ण सदुपयोग को उसके लिए कटिबद्ध रहना।
गतिविधियां:-
संस्थान में वर्तमान में सभी वरिष्ठ वृद्धजन जो कि निराश्रित एवं उपेक्षित है उनकी आवास, भोजन, अध्ययन हेतु धार्मिक पुस्तकालय, वाचनालय, आमोद-प्रमोद के लिए टी0वी0, डी0वी0डी0 एवं मनोरंजन हेतु खेल व भजन कीर्तन सामग्री की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। प्रातःकाल एवं सांय काल प्रार्थना, भजन-संध्या कार्यक्रम की व्यवस्था है। वृद्धजनों का समय-समय पर मेडिकल चेकअप व आवष्यकता होने पर शल्य चिकित्सा (Operation) की व्यवस्था भी निःषुल्क है। संस्था के प्रबन्धक सदस्य बारी-बारी से प्रतिदिन कार्य योजनानुसार देख-रेख करते है। वर्तमान में आश्रय परिसर में एक प्याऊ व पौ का भी निःशुल्क संचालन हो रहा है जिससे राहगीर व पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझाते है। हर वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस 01 अक्टूबर पर वृद्ध नागरिकों का सम्मान समारोह संस्थान द्वारा आयोजित किया जाता है। पक्षियों के लिए चुग्गा डालने हेतु बड़ी मात्रा में व्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित की जा रही है।
प्रस्तावित गतिविधियां:-
1. डे केयर
2. मंदिर स्थापना
3. डिस्पेंसरी
4. चुम्बकीय, होम्योपेथिक, एक्यूपे्रषर एवं रैकी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा की स्थापना।
वृद्धजनों को सम्मान से जीवन जीने का अवसर दिलाकर यथासम्भव सेवा व सम्मान प्रदान कर पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराना।
वर्तमान में ऊँ शान्ति सेवा संस्थान वृद्धाश्रम ‘‘आश्रय’’ मंगरोप रोड़, हरणी महादेव भीलवाड़ा पर संचालित हो रहा है, जिसमें अभी 20-22 वृद्धजन रह रहे है। जिनको सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं निःषुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। करीब 170-180 वृद्धजन यहां पर रह कर चले गये है एवं वे अपने बच्चों के साथ सम्मानीय जीवन व्यतीत कर रहे है। महिलाओं/पुरूषों एवं दम्पती के लिए अलग-अलग आवास व्यवस्था है।
* वृद्धजनों के मनोबल को सर्वोच्च ऊचाँई तक बनायें रखना।
* दानदाताओं द्वारा प्राप्त सहयोग का सम्पूर्ण सदुपयोग को उसके लिए कटिबद्ध रहना।
गतिविधियां:-
संस्थान में वर्तमान में सभी वरिष्ठ वृद्धजन जो कि निराश्रित एवं उपेक्षित है उनकी आवास, भोजन, अध्ययन हेतु धार्मिक पुस्तकालय, वाचनालय, आमोद-प्रमोद के लिए टी0वी0, डी0वी0डी0 एवं मनोरंजन हेतु खेल व भजन कीर्तन सामग्री की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। प्रातःकाल एवं सांय काल प्रार्थना, भजन-संध्या कार्यक्रम की व्यवस्था है। वृद्धजनों का समय-समय पर मेडिकल चेकअप व आवष्यकता होने पर शल्य चिकित्सा (Operation) की व्यवस्था भी निःषुल्क है। संस्था के प्रबन्धक सदस्य बारी-बारी से प्रतिदिन कार्य योजनानुसार देख-रेख करते है। वर्तमान में आश्रय परिसर में एक प्याऊ व पौ का भी निःशुल्क संचालन हो रहा है जिससे राहगीर व पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझाते है। हर वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस 01 अक्टूबर पर वृद्ध नागरिकों का सम्मान समारोह संस्थान द्वारा आयोजित किया जाता है। पक्षियों के लिए चुग्गा डालने हेतु बड़ी मात्रा में व्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित की जा रही है।
प्रस्तावित गतिविधियां:-
1. डे केयर
2. मंदिर स्थापना
3. डिस्पेंसरी
4. चुम्बकीय, होम्योपेथिक, एक्यूपे्रषर एवं रैकी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा की स्थापना।
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